नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (Indira Gandhi National Open University) ने अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट
और डिप्लोमा कोर्सेज में एडमिशन के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख बढ़ा दी है. स्टूडेंट्स अब 31
जुलाई तक विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं. आइए जानते हैं इग्नू में एडमिशन
कैसे होता है और वो दिल्ली विश्वविद्यालय का एसओएल किस तरह अलग है...
और डिप्लोमा कोर्सेज में एडमिशन के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख बढ़ा दी है. स्टूडेंट्स अब 31
जुलाई तक विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं. आइए जानते हैं इग्नू में एडमिशन
कैसे होता है और वो दिल्ली विश्वविद्यालय का एसओएल किस तरह अलग है...
उम्मीदवार 200 से भी अधिक पाठ्यक्रमों में सीधे प्रवेश ले सकते हैं. जिन पाठ्यक्रमों में सीटों की बाध्यता है,
जैसे एमए (शिक्षा) एवं अस्पताल एवं स्वास्थ्य प्रबन्ध में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीएचएचएम) में
अभ्यर्थियों को ऑफलाइन आवदेन करना होगा.
जैसे एमए (शिक्षा) एवं अस्पताल एवं स्वास्थ्य प्रबन्ध में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीएचएचएम) में
अभ्यर्थियों को ऑफलाइन आवदेन करना होगा.
क्या है इग्नू: रेगुलर कॉलेज में एडमिशन न मिलने से दुखी छात्र यहां एडमिशन लेकर आसानी से
पढ़ाई कर सकते हैं. इग्नू ओपन मेथड से परीक्षा का आयोजन करता है. इसमें 200 से अधिक
कोर्स की पढ़ाई कर सकते हैं, इसमें मास्टर्स (पोस्ट ग्रेजुएट), बैचलर (अंडर ग्रेजुएट), डिप्लोमा
और सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स शामिल होते हैं.
पढ़ाई कर सकते हैं. इग्नू ओपन मेथड से परीक्षा का आयोजन करता है. इसमें 200 से अधिक
कोर्स की पढ़ाई कर सकते हैं, इसमें मास्टर्स (पोस्ट ग्रेजुएट), बैचलर (अंडर ग्रेजुएट), डिप्लोमा
और सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स शामिल होते हैं.
इससे उम्मीदवार बिना कॉलेज आए सिर्फ परीक्षा देकर पढ़ाई कर सकता है. इन कोर्सेज के लिए
नौकरी करने वाले, प्राइवेट जॉब करने वाले और अन्य यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी भी
आवेदन कर सकते है. इग्नू में इस वक्त देशभर और बाहर के कुछ देशों में तीस लाख से ज्यादा
स्टूडेंट्स रजिस्टर हैं.
नौकरी करने वाले, प्राइवेट जॉब करने वाले और अन्य यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी भी
आवेदन कर सकते है. इग्नू में इस वक्त देशभर और बाहर के कुछ देशों में तीस लाख से ज्यादा
स्टूडेंट्स रजिस्टर हैं.
क्या है एसओएल: दिल्ली यूनिवर्सिटी ओपन परीक्षा या डिस्टेंस के माध्यम से भी डिग्री देता है,
जिसे स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग कहते हैं. एसओएल से भी इग्नू की तरह दिल्ली यूनिवर्सिटी की
डिग्री हासिल करते हैं. यह कुछ विषयों में ही डिग्री जारी करता है, जिसमें बीए, बीकॉम, एमए,
एमकॉम आदि शामिल है.
जिसे स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग कहते हैं. एसओएल से भी इग्नू की तरह दिल्ली यूनिवर्सिटी की
डिग्री हासिल करते हैं. यह कुछ विषयों में ही डिग्री जारी करता है, जिसमें बीए, बीकॉम, एमए,
एमकॉम आदि शामिल है.
एसओएल और इग्नू में अंतर: दोनों विश्वविद्यालयों की फीस लगभग बराबर ही होती है. हालांकि
एसओएल के माध्यम से आप बीए या बीकॉम की डिग्री हासिल कर सकते हैं, जबकि इग्नू में
कई तरह के कोर्स होते हैं. वहीं इग्नू साल में दो बार परीक्षा पास करने का चांस देता है, लेकिन
एसओएल में साल में एक ही बार परीक्षा होती है.
एसओएल के माध्यम से आप बीए या बीकॉम की डिग्री हासिल कर सकते हैं, जबकि इग्नू में
कई तरह के कोर्स होते हैं. वहीं इग्नू साल में दो बार परीक्षा पास करने का चांस देता है, लेकिन
एसओएल में साल में एक ही बार परीक्षा होती है.
हालांकि दोनों यूनिवर्सिटी का स्टडी मैटेरियल काफी अच्छा होता है. इग्नू भले नई यूनिवर्सिटी हो,
लेकिन वो एसओएल से ज्यादा कोर्स ऑफर करती है. साथ ही इग्नू में एडमिशन की प्रक्रिया भी
आसानी बताई जाती है.
लेकिन वो एसओएल से ज्यादा कोर्स ऑफर करती है. साथ ही इग्नू में एडमिशन की प्रक्रिया भी
आसानी बताई जाती है.
कैसे करें अप्लाई- दोनों विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
और उसके बाद परीक्षा से जुड़े लिंक पर क्लिक करें. उसके बाद कोर्स सलेक्ट कर आवेदन कर दें.
और उसके बाद परीक्षा से जुड़े लिंक पर क्लिक करें. उसके बाद कोर्स सलेक्ट कर आवेदन कर दें.
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